Listen now | नमस्ते, पुलियाबाज़ी में आज हम एक हटके विषय पर चर्चा करेंगे—युद्ध में हाथियों का प्रयोग। यह विषय हमें काफी इंटरेस्टिंग लगा, तो हमने सोचा कि क्यों न इस पर आदित्य रामनाथन से बात की जाए। आदित्य तक्षशिला इंस्टीटूशन के साथ एसोसिएट फैलो हैं और मिलिटरी हिस्ट्री में गहरी दिलचस्पी रखते हैं। इस पुलियाबाज़ी पर चर्चा इतिहास के उस दौर की जब भारत एक ‘आर्म्स एक्सपोर्टर’ हुआ करता था। भारत के हाथी और उनको काबू में करने वाले महाउत दुनियाभर में मशहूर थे। समय के साथ टेक्नोलॉजी में आये बदलाव से युद्ध का रूप भी बदल गया। क्या इस बदलाव में भारत कहीं पीछे छूट गया?
महावत, महाउत नहीं।