जलवायु परिवर्तन (climate change) के भीषण प्रभावों पर आंकड़े तो स्पष्ट हैं लेकिन फिर भी हम और हमारी सरकारें इस वैश्विक समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहे | तो इस पुलियाबाज़ी में हमने सीधे बात की ऐसे क्लाइमेट सेनानी से जो क्लाइमेट चेंज के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए धरती के दोनों बर्फीले ध्रुवों तक ही पहुँच गए | सुनिए हमारी पुलियाबाज़ी राजा कार्तिकेय से जिन्होंने एक साल के भीतर ही अंटार्कटिक और आर्कटिक ध्रुवों का दौरा किया | पेशे से राजा सयुंक्त राष्ट्र में राजनैतिक अफ़सर है और उनकी अपनी कहानी भी बड़ी दिलचस्प है |
उन्होंने समझाया कि आज के क्लाइमेट में बदलाव का कारण भले ही पश्चिमी देश हो पर इसका भारत जैसे देशों पर गहरा नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा | न सिर्फ तटवर्ती इलाक़े बल्कि भारत के अंदरूनी उत्तरी भाग भी इससे बदल जाएंगे | इसीलिए हमारे समाज और सरकारों को इस समस्या का सामना करने की तैयारी आज करनी होगी | तो क्या है वह कदम, जानने के लिए शामिल हो जाइये इस पुलियाबाज़ी में |
Share this post