आपकी बात तो सही है पर मुझे इसमें एक छिपी हुई अच्छी बात और एक बुरी बात भी दिखाती है ।
हर तबके के लोगों के लिए सहूलियत मौहैया होना भी एक बात है । एस्पिरेशनल क्लास पैसा खर्च कर सकता है तो उसे सुविधा उपलब्ध है, डिमांड एंड सप्लाई, बाक़ी सब के लिए BDA काम्प्लेक्स जो हर शहर में अपने स्वरूप में बसा है ।
जहां तक बात है सफ़ाई की तो वह या तो पैसे से हल होती है जैसे के मॉल में या फिर हमारी प्रवर्ती से, जो की सफ़ाई को वैसे ही नहीं समझती ।
आपकी बात तो सही है पर मुझे इसमें एक छिपी हुई अच्छी बात और एक बुरी बात भी दिखाती है ।
हर तबके के लोगों के लिए सहूलियत मौहैया होना भी एक बात है । एस्पिरेशनल क्लास पैसा खर्च कर सकता है तो उसे सुविधा उपलब्ध है, डिमांड एंड सप्लाई, बाक़ी सब के लिए BDA काम्प्लेक्स जो हर शहर में अपने स्वरूप में बसा है ।
जहां तक बात है सफ़ाई की तो वह या तो पैसे से हल होती है जैसे के मॉल में या फिर हमारी प्रवर्ती से, जो की सफ़ाई को वैसे ही नहीं समझती ।
और सोचूँगा इस बारे में ।
आप तीनों बेहतरीन काम कर रहे हैं । बढ़ते चलिए ।