पूरे भारत ने अपना सत्तरवाँ गणतंत्र दिवस पिछले हफ़्ते मनाया और अंबेडकर के योगदान को फिर एक बार याद किया | पर अंबेडकर साहब जैसे बुद्धिजीवी को सम्मान देने का शायद सबसे प्रभावशाली तरीका है उनके विचारों को समझना | अब उनको पुलियाबाज़ी में ला पाना तो संभव नहीं है इसलिए इस बार हमने प्रयत्न किया उनके कुछ लेख पढ़ने का और उनके तर्क को आपके सामने रखने का | इस दो भाग स्पेशल में हमने विश्लेषण किया अंबेडकर के जातिप्रथा पर कुछ विचारों का |
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अम्बेडकर के जातिप्रथा पर विचार : भाग २…
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पूरे भारत ने अपना सत्तरवाँ गणतंत्र दिवस पिछले हफ़्ते मनाया और अंबेडकर के योगदान को फिर एक बार याद किया | पर अंबेडकर साहब जैसे बुद्धिजीवी को सम्मान देने का शायद सबसे प्रभावशाली तरीका है उनके विचारों को समझना | अब उनको पुलियाबाज़ी में ला पाना तो संभव नहीं है इसलिए इस बार हमने प्रयत्न किया उनके कुछ लेख पढ़ने का और उनके तर्क को आपके सामने रखने का | इस दो भाग स्पेशल में हमने विश्लेषण किया अंबेडकर के जातिप्रथा पर कुछ विचारों का |