पुलियाबाज़ी पर हमारी कोशिश रही है कि हिंदी में ऐसे विषयों पर बात हो, जिन पर आमतौर पर हिंदी में चर्चा नहीं होती। इसी प्रयासकी एक कड़ी है हमारा “टिप्पणी” सेक्शन, जहाँ हम हिंदी में छोटे आर्टिकल्स, बुक रिव्यु या अवलोकन शेयर करते आये हैं। हमें लगा कि क्यों न इसमें हमारे श्रोताओं की टिप्पणियाँ भी शामिल की जाए? आखिर श्रोतागण भी पुलियाबाज़ी परिवार का अभिन्न हिस्सा हैं।
पर हम हिंदी में क्यों लिखना चाहते हैं जब सारी दुनिया अंग्रेजी की और भाग रही है? कुछ लोग इसे इस दृष्टिकोण से देखते हैं कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है और इसलिए हमें हिंदी को ही आगे रखना चाहिए। लेकिन हमारा अप्रोच ऐसा नहीं है। हम नहीं मानते कि हिंदी अन्य भारतीय भाषाओं या अंग्रेज़ी से बढ़कर है। हम ऐसी कोई तुलना करना ही नहीं चाहते। भारत में बहुत सारी भाषाएँ हैं और हिंदी के भी अलग-अलग स्वरूप हैं। सिर्फ एक तरह की शुद्ध हिंदी ही बेहतर है, ऐसा हम नहीं मानते।
हमारा नज़रिया यह है कि हमारे देश में सबसे ज्यादा लोग अगर किसी भाषा को समझते हैं, तो वो हिंदी है। बहुत लोगों ने चाहे हिंदी में बातचीत नहीं की हो, लेकिन हिंदी फिल्में देखी हैं, थोड़ी बहुत हिंदी स्कूल में पढ़ी है, इसलिए वे इस भाषा में थोड़ा सहज फील करते हैं। हम घर की बातों के लिए अपनी मातृभाषा का इस्तेमाल करते हैं, बाज़ार में बातें करने के लिए हिंदी का उपयोग करते हैं और जब विचारों के बारे में बात करते हैं तो अक्सर अंग्रेज़ी का सहारा लेते हैं। इससे नुकसान ये होता है कि हमारे समाज का वह हिस्सा जो अंग्रेज़ी बोलने या समझने में कंफर्टेबल नहीं है, वह नए विचारों की चर्चा से बाहर रह जाता है।
अक्सर लोग अपनी मातृभाषा को बचाने की बात करते हैं। पर सच्चाई यह है कि वही भाषाएं बचती हैं जो उपयोग में आती हैं और समय के साथ अपने को नए विचारों के अनुरूप ढालती हैं। जैसे दुनिया बदलती है, वैसे ही भाषा को भी बदलना पड़ता है। अगर कोई भाषा नहीं बदलती, तो वह जड़ हो जाती है। जो भाषाएं खुद को ढाल पाती हैं, वही प्रासंगिक बनी रहती हैं।
इसलिए हमें लगता है कि नए विषयों पर भारतीय भाषाओं में भी बातें होनी चाहिए ताकि हमारी भाषाओं में नए विचारों को समझने के लिए नए शब्द उभरें। और बातें आसान भाषा में हो जो आम भारतीय समझ पाएं। आप भी इस कोशिश में जुड़ सके इसलिए हमने कुछ गाइडलाइन्स रखी हैं। इन गाइडलाइन्स के आधार पर आप अपने लेख हमें भेज सकते हैं।
१. लेख किसी भी विषय पर हो सकता है - यह बुक रिव्यू, अवलोकन, ट्रैवलॉग या किसी तकनीकी विषय को सरल भाषा में समझाने जैसा हो सकता है।
२. लेख 600 से 1000 शब्दों के बीच होना चाहिए। यदि विषय को अधिक गहराई से डिस्कस करना हो तो 2000 शब्द तक भी जा सकते हैं। कृपया हिंदी फ़ॉन्ट और फ़ॉर्मेटिंग का उपयोग करें।
३. स्पष्ट और सरल भाषा का इस्तेमाल करें। हम शोध पर आधारित, सटीक और अच्छी तरह से लिखे गए लेखों को प्राथमिकता देते हैं।
४. लेख आपका अपना होना चाहिए। अगर आपने लिखने के लिए AI का इस्तेमाल किया हो तो टूल का नाम और किस चीज़ के लिए इस्तमाल किया है वो बताएँ।
५. कृपया इमेज क्रेडिट और स्रोत के लिंक्स दें। सुनिश्चित करें कि आपके पास छवियों का उपयोग करने के लिए आवश्यक अधिकार हैं।
६. पुलियाबाज़ी पर प्रकाशित लेखों का कॉपीराइट लेखक के पास ही रहेगा। इसे आप अपने ब्लॉग या किसी और प्लेटफार्म पर भी शेयर कर सकते हैं, लेकिन पुलियाबाज़ी पर प्रकाशित लेख के लिंक के साथ। (“Originally published at”)
७. अगर आपका लेख कहीं और पहले प्रकाशित हुआ है और आप उसे भेजना चाहते हैं, तो मूल लेख का लिंक जोड़ें।
To Submit:
Send email to puliyabaazi@gmail.com with “Submission:<Title>” in the subject line. Also add your short bio, contact details and substack or other social media handles.
Review Process:
हम आपके लेख की समीक्षा करेंगे और आपको 2 हफ़्ते के भीतर निर्णय के बारे में बताएँगे। अगर आपका लेख स्वीकार कर लिया जाता है, तो हम स्पष्टता और शैली के लिए इसे एडिट कर सकते हैं। अगर हमें किसी और जानकारी या स्पष्टीकरण की आवश्यकता होगी तो हम आपसे संपर्क करेंगे।
कृपया ध्यान दें:
अपना लेख सबमिट करके, आप हमें पुलियाबाज़ी वेबसाइट और अन्य सोशल प्लेटफ़ॉर्म पर आपके लेख को प्रकाशित और वितरित करने का अधिकार देते हैं।
Opportunity to work with Puliyabaazi:
We are looking for a full time editor for Puliyabaazi. The person should be able to write, review and edit articles in Hindi. She/he should be able to use different content creation tools to create an online magazine, social media posts, etc. and be able to engage and motivate audience and potential writers to contribute to Puliyabaazi. If you are interested in the role, kindly send us your CV along with previous articles/blogs in Hindi.
शुक्रिया,
पुलियाबाज़ी टीम